Tuesday, March 27, 2012

आर्थिक समीक्षा 2011-12 की मुख्य बातें

आर्थिक समीक्षा 2011-12
अर्थव्यवस्था
औद्योगिक विकास दर 4 से 5% रहने की उम्मीद, आर्थिक हालत के साथ इसमें भी सुधार होगा
मार्च 2012 तक महंगाई दर 6.5 से 7 फीसदी, अगले वित्त वर्ष इसमें और कमी आएगी
महंगाई पर नियंत्रण के लिए खाद्यान्न आपूर्ति में सुधार किया जाए
सरकार की मुख्य ंिचंता उत्पादकता बढ़ाना और आय वितरण में सुधार होना चाहिए
प्रति व्यक्ति आय में सुधार, वर्ष 2011 में प्रति व्यक्ति आय 1527 डॉलर
प्राइमरी बाजार से पूंजी जुटाने में तीव्र गिरावट, 48654 करोड़ की तुलना में सिर्फ 9683 करोड़, 31 दिसंबर तक सिर्फ 30 नई कंपनियों की लिस्टिंग
बैंकिंग
कमजोर वैश्विक परिस्थितियों में बैकों और कॉरपोरेट के लिए विदेशी फंड की उपलब्धता और लागत का संकट, लिक्विडिटी की स्थिति कमजोर
वित्तीय प्रणाली के अधिक वैश्वीकरण और विनियमन से बैंकिंग व्यापार जटिल और जोखिमपूर्ण होगा
एमएसएमई की वित्तीय जरूरतें पूरी करने के लिए अभिनव कदम उठाए जाने चाहिए
सार्वजनिक बैंकों का प्राथमिक क्षेत्र को ऋण 19% बढ़ा, कृषि क्षेत्र को वितरण लक्ष्य से 19% ज्यादा
इन्फ्रास्ट्रक्चर
12वीं योजना में 45 लाख करोड़ रुपये निवेश का लक्ष्य, आधी रकम निजी क्षेत्र से
वित्त पोषण के लिए घरेलू बचत और संसाधनों की उपलब्धता पर विचार जरूरी
बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित करने के लिए अभिनव योजनाएं शुरू की जाएं
निजी इक्विटी निवेश, पेंशन फंड, सॉवरेन फंड और स्ट्रैटजिक निवेशकों को आकर्षित किया जाए
सेवा क्षेत्र
सकल घरेलू उत्पाद में धीमी वृद्धि के बावजूद सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर 9.4 फीसदी
जीडीपी में हिस्सा 2010-11 के 55.1% से बढ़कर 2011-12 में 56.3%
कृषि क्षेत्र
कृषि क्षेत्र की विकास दर 2011-12 के दौरान 2.5 फीसदी रहने की उम्मीद
विशेष फसलों का उत्पादन करने वाले राज्यों/क्षेत्रों में विशेष बाजार स्थापित किए जाएं
व्यापारियों को अधिक संख्या में मंडियों के एजेंट बनने की अनुमति दी जानी चाहिए
उसके बाद सेवाओं से संबंधित उपभोक्ता प्रभार ही लेन-देन पर लगाए जाएं
सरकार खाद्यान्नों के लिए आधुनिक भंडारण सुविधाओं का निर्माण करे
सामाजिक क्षेत्र

जीडीपी की तुलना में शिक्षा पर व्यय 3.11 फीसदी, 2006-07 में 2.72 फीसदी था
सामाजिक सेवाओं पर केंद्रीय व्यय 18.5 फीसदी, 2006-07 में 13.4 फीसदी था
वर्ष 2010-11 के दौरान मनरेगा के तहत 5.49 करोड़ परिवारों को रोजगार