एचआर रिसर्च फर्म रीगस की ओर से भारत समेत 100 देशों की 26,000 कंपनियों में कराये
गये एक सर्वे में निष्कर्ष निकला है कि भारतीय कंपनियों में नौकरियों का माहौल सुधर
रहा है. इस साल करीब 94 फीसदी भारतीय कंपनियां अपने यहां नयी नौकरियां देंगी. सर्वे
के मुताबिक कंपनियां कर्मचारियों की संख्या बढ.ाने पर गंभीरता से विचार कर रही हैं,
लेकिन इन नौकरियों में ज्यादातर सेल्स और मार्केटिंग फील्ड में पैदा
होंगी.
देश के ज्यादातर युवाओं में सेल्स और मार्केटिंग शब्दों को लेकर कंफ्यूजन की स्थिति देखने को मिलती है. दूसरी ओर देश की छोटी-बड.ी ज्यादातर कंपनियों में अब सेल्स और मार्केटिंग को एक ही विभाग में तब्दील किया जा रहा है. यानी व्यक्ति विशेष को दोनों क्षेत्रों में काम करना होगा. देश में एक तिहाई के करीब लोग किसी न किसी रूप में मार्केटिंग से संबंधित पदों पर काम कर रहे हैं. विकास के साथ मार्केट रिसर्च का क्षेत्र भी खासा विकसित हुआ है.
कैसा है क्षेत्र
सेल्स और मार्केटिंग के क्षेत्र में नौकरियों की भरमार है. प्लेसमेंट कंपनियों और कंसल्टेंसी फर्म के माध्यम से भी सेल्स और मार्केटिंग की नौकरियां जल्दी मिल जाती हैं.
मार्केटिंग के क्षेत्र को 4 पी से समझें- प्रोडक्ट, प्राइज, प्रमोशन और प्लेसमेंट.
असल में प्रोडक्ट को उपभोक्ताओं तक बेचना ही मार्केटिंग नहीं है. इस प्रोफेशन के कई आयाम हैं. इसमें काम करने के लिए कई क्षेत्र होते हैं.
चुनौतियां : सेल्स और मार्केटिंग के क्षेत्र में काम करनेवालों को रोज नयी चुनौतियों का सामना करना पड.ता है. साथ ही यह परिवर्तनशील क्षेत्र है. सेल्स पर्सन के रूप में आपको या तो कंपनी के अंदर बैठना होगा या फील्ड में सेल्स रिप्रेजेंटेटिव के रूप में काम करना होगा.
कौन हो सकता है कामयाब
एक आम धारणा है कि सेल्स और मार्केटिंग की नौकरी कोई भी कर सकता है, लेकिन यह गलत है. इसके लिए उम्मीदवार में अपनी बात मनवाने की क्षमता, व्यावसायिक जागरूकता, अच्छा व्यक्तित्व और स्वयं प्रेरित होने की क्षमता होनी चाहिए. साथ ही बेहतर कम्युनिकेशन स्किल्स होनी जरूरी है. इनके अलावा दबाव में बेहतर काम करने की क्षमता भी जरूरी है, क्योंकि सेल्स में दिये जानेवाले टारगेट बहुत कठिन होते हैं और उन्हें हासिल करना बहुत जरूरी.
योग्यता और कोर्स
सेल्स और मार्केटिंग के क्षेत्र में प्रवेश के लिए स्नातक पास होना भी जरूरी नहीं है. हालांकि अगर आप स्नातक हैं, तो अच्छे पद के साथ बेहतर पगार की नौकरी मिलती है. कुछ साल के कार्यानुभव के बाद एमबीए करना उचित रहता है, क्योंकि तब तक सेल्स और मार्केटिंग फील्ड की काफी समझ आ चुकी होती है. सेल्स और मार्केटिंग का स्पेशलाइज्ड कोर्स करके भी जरूरी स्किल्स को निखारा जा सकता है. इसके अलावा कुछ शॉर्ट टर्म कोर्स भी मौजूद हैं, जो इस क्षेत्र के लिए उपयोगी साबित होते हैं. जैसे सेल्स मैनेजमेंट, कस्टमर सर्विस मैनेजमेंट आदि.
अच्छा सैलरी पैकेज
अच्छी बात यह है कि मेहनत की जाये, तो इस क्षेत्र में मोटी कमाई हासिल की जा सकती है. सेल्स और मार्केटिंग के क्षेत्र में वेतन आपके कार्यानुभव, योग्यता और किन संस्थाओं के साथ काम किया है, इस पर निर्भर करता है. सेल्स की नौकरी करीब आठ हजार रुपये प्रति माह से शुरू होती है. लेकिन अनुभव के बाद बेहतर संस्थाओं के साथ काम करके अच्छी सैलरी प्राप्त की जा सकती है. साथ ही अगर आप अपनी क्वालिफिकेशंस लगातार बढ.ाती जा रही है, तो सैलरी भी बहुत जल्दी बढे.गी.
भविष्य भी है उम्मीदों भरा
सेल्स और मार्केटिंग (एसएंडएम) में भविष्य भी बहुत उम्मीदों भरा है. भारतीय अर्थव्यवस्था का जैसे-जैसे विकास होगा, वैसे-वैसे सेल्स और मार्केटिंग का सेक्टर भी तेजी से विकसित होता जायेगा. अंतरराष्ट्रीय कंपनियां भारत में अपना ऑपरेशनल ऑफिस स्थापित कर रही हैं और भारतीय कंपनियां अपना विस्तार कर रही हैं. इससे ज्यादा से ज्यादा प्रोफेशनल्स को नौकरी के मौके मिलेंगे, वह भी अच्छे पैकेज में.एचआर रिसर्च फर्म रीगस की ओर से भारत समेत 100 देशों की 26,000 कंपनियों में कराये गये एक सर्वे में निष्कर्ष निकला है कि भारतीय कंपनियों में नौकरियों का माहौल सुधर रहा है. इस साल करीब 94 फीसदी भारतीय कंपनियां अपने यहां नयी नौकरियां देंगी. सर्वे के मुताबिक कंपनियां कर्मचारियों की संख्या बढ.ाने पर गंभीरता से विचार कर रही हैं, लेकिन इन नौकरियों में ज्यादातर सेल्स और मार्केटिंग फील्ड में पैदा होंगी.
देश के ज्यादातर युवाओं में सेल्स और मार्केटिंग शब्दों को लेकर कंफ्यूजन की स्थिति देखने को मिलती है. दूसरी ओर देश की छोटी-बड.ी ज्यादातर कंपनियों में अब सेल्स और मार्केटिंग को एक ही विभाग में तब्दील किया जा रहा है. यानी व्यक्ति विशेष को दोनों क्षेत्रों में काम करना होगा. देश में एक तिहाई के करीब लोग किसी न किसी रूप में मार्केटिंग से संबंधित पदों पर काम कर रहे हैं. विकास के साथ मार्केट रिसर्च का क्षेत्र भी खासा विकसित हुआ है.
कैसा है क्षेत्र
सेल्स और मार्केटिंग के क्षेत्र में नौकरियों की भरमार है. प्लेसमेंट कंपनियों और कंसल्टेंसी फर्म के माध्यम से भी सेल्स और मार्केटिंग की नौकरियां जल्दी मिल जाती हैं.
मार्केटिंग के क्षेत्र को 4 पी से समझें- प्रोडक्ट, प्राइज, प्रमोशन और प्लेसमेंट.
असल में प्रोडक्ट को उपभोक्ताओं तक बेचना ही मार्केटिंग नहीं है. इस प्रोफेशन के कई आयाम हैं. इसमें काम करने के लिए कई क्षेत्र होते हैं.
चुनौतियां : सेल्स और मार्केटिंग के क्षेत्र में काम करनेवालों को रोज नयी चुनौतियों का सामना करना पड.ता है. साथ ही यह परिवर्तनशील क्षेत्र है. सेल्स पर्सन के रूप में आपको या तो कंपनी के अंदर बैठना होगा या फील्ड में सेल्स रिप्रेजेंटेटिव के रूप में काम करना होगा.
कौन हो सकता है कामयाब
एक आम धारणा है कि सेल्स और मार्केटिंग की नौकरी कोई भी कर सकता है, लेकिन यह गलत है. इसके लिए उम्मीदवार में अपनी बात मनवाने की क्षमता, व्यावसायिक जागरूकता, अच्छा व्यक्तित्व और स्वयं प्रेरित होने की क्षमता होनी चाहिए. साथ ही बेहतर कम्युनिकेशन स्किल्स होनी जरूरी है. इनके अलावा दबाव में बेहतर काम करने की क्षमता भी जरूरी है, क्योंकि सेल्स में दिये जानेवाले टारगेट बहुत कठिन होते हैं और उन्हें हासिल करना बहुत जरूरी.
योग्यता और कोर्स
सेल्स और मार्केटिंग के क्षेत्र में प्रवेश के लिए स्नातक पास होना भी जरूरी नहीं है. हालांकि अगर आप स्नातक हैं, तो अच्छे पद के साथ बेहतर पगार की नौकरी मिलती है. कुछ साल के कार्यानुभव के बाद एमबीए करना उचित रहता है, क्योंकि तब तक सेल्स और मार्केटिंग फील्ड की काफी समझ आ चुकी होती है. सेल्स और मार्केटिंग का स्पेशलाइज्ड कोर्स करके भी जरूरी स्किल्स को निखारा जा सकता है. इसके अलावा कुछ शॉर्ट टर्म कोर्स भी मौजूद हैं, जो इस क्षेत्र के लिए उपयोगी साबित होते हैं. जैसे सेल्स मैनेजमेंट, कस्टमर सर्विस मैनेजमेंट आदि.
अच्छा सैलरी पैकेज
अच्छी बात यह है कि मेहनत की जाये, तो इस क्षेत्र में मोटी कमाई हासिल की जा सकती है. सेल्स और मार्केटिंग के क्षेत्र में वेतन आपके कार्यानुभव, योग्यता और किन संस्थाओं के साथ काम किया है, इस पर निर्भर करता है. सेल्स की नौकरी करीब आठ हजार रुपये प्रति माह से शुरू होती है. लेकिन अनुभव के बाद बेहतर संस्थाओं के साथ काम करके अच्छी सैलरी प्राप्त की जा सकती है. साथ ही अगर आप अपनी क्वालिफिकेशंस लगातार बढ.ाती जा रही है, तो सैलरी भी बहुत जल्दी बढे.गी.
भविष्य भी है उम्मीदों भरा
सेल्स और मार्केटिंग (एसएंडएम) में भविष्य भी बहुत उम्मीदों भरा है. भारतीय अर्थव्यवस्था का जैसे-जैसे विकास होगा, वैसे-वैसे सेल्स और मार्केटिंग का सेक्टर भी तेजी से विकसित होता जायेगा. अंतरराष्ट्रीय कंपनियां भारत में अपना ऑपरेशनल ऑफिस स्थापित कर रही हैं और भारतीय कंपनियां अपना विस्तार कर रही हैं. इससे ज्यादा से ज्यादा प्रोफेशनल्स को नौकरी के मौके मिलेंगे, वह भी अच्छे पैकेज में.
-Prabhat Khabar /23/04/2013/avasar
देश के ज्यादातर युवाओं में सेल्स और मार्केटिंग शब्दों को लेकर कंफ्यूजन की स्थिति देखने को मिलती है. दूसरी ओर देश की छोटी-बड.ी ज्यादातर कंपनियों में अब सेल्स और मार्केटिंग को एक ही विभाग में तब्दील किया जा रहा है. यानी व्यक्ति विशेष को दोनों क्षेत्रों में काम करना होगा. देश में एक तिहाई के करीब लोग किसी न किसी रूप में मार्केटिंग से संबंधित पदों पर काम कर रहे हैं. विकास के साथ मार्केट रिसर्च का क्षेत्र भी खासा विकसित हुआ है.
कैसा है क्षेत्र
सेल्स और मार्केटिंग के क्षेत्र में नौकरियों की भरमार है. प्लेसमेंट कंपनियों और कंसल्टेंसी फर्म के माध्यम से भी सेल्स और मार्केटिंग की नौकरियां जल्दी मिल जाती हैं.
मार्केटिंग के क्षेत्र को 4 पी से समझें- प्रोडक्ट, प्राइज, प्रमोशन और प्लेसमेंट.
असल में प्रोडक्ट को उपभोक्ताओं तक बेचना ही मार्केटिंग नहीं है. इस प्रोफेशन के कई आयाम हैं. इसमें काम करने के लिए कई क्षेत्र होते हैं.
चुनौतियां : सेल्स और मार्केटिंग के क्षेत्र में काम करनेवालों को रोज नयी चुनौतियों का सामना करना पड.ता है. साथ ही यह परिवर्तनशील क्षेत्र है. सेल्स पर्सन के रूप में आपको या तो कंपनी के अंदर बैठना होगा या फील्ड में सेल्स रिप्रेजेंटेटिव के रूप में काम करना होगा.
कौन हो सकता है कामयाब
एक आम धारणा है कि सेल्स और मार्केटिंग की नौकरी कोई भी कर सकता है, लेकिन यह गलत है. इसके लिए उम्मीदवार में अपनी बात मनवाने की क्षमता, व्यावसायिक जागरूकता, अच्छा व्यक्तित्व और स्वयं प्रेरित होने की क्षमता होनी चाहिए. साथ ही बेहतर कम्युनिकेशन स्किल्स होनी जरूरी है. इनके अलावा दबाव में बेहतर काम करने की क्षमता भी जरूरी है, क्योंकि सेल्स में दिये जानेवाले टारगेट बहुत कठिन होते हैं और उन्हें हासिल करना बहुत जरूरी.
योग्यता और कोर्स
सेल्स और मार्केटिंग के क्षेत्र में प्रवेश के लिए स्नातक पास होना भी जरूरी नहीं है. हालांकि अगर आप स्नातक हैं, तो अच्छे पद के साथ बेहतर पगार की नौकरी मिलती है. कुछ साल के कार्यानुभव के बाद एमबीए करना उचित रहता है, क्योंकि तब तक सेल्स और मार्केटिंग फील्ड की काफी समझ आ चुकी होती है. सेल्स और मार्केटिंग का स्पेशलाइज्ड कोर्स करके भी जरूरी स्किल्स को निखारा जा सकता है. इसके अलावा कुछ शॉर्ट टर्म कोर्स भी मौजूद हैं, जो इस क्षेत्र के लिए उपयोगी साबित होते हैं. जैसे सेल्स मैनेजमेंट, कस्टमर सर्विस मैनेजमेंट आदि.
अच्छा सैलरी पैकेज
अच्छी बात यह है कि मेहनत की जाये, तो इस क्षेत्र में मोटी कमाई हासिल की जा सकती है. सेल्स और मार्केटिंग के क्षेत्र में वेतन आपके कार्यानुभव, योग्यता और किन संस्थाओं के साथ काम किया है, इस पर निर्भर करता है. सेल्स की नौकरी करीब आठ हजार रुपये प्रति माह से शुरू होती है. लेकिन अनुभव के बाद बेहतर संस्थाओं के साथ काम करके अच्छी सैलरी प्राप्त की जा सकती है. साथ ही अगर आप अपनी क्वालिफिकेशंस लगातार बढ.ाती जा रही है, तो सैलरी भी बहुत जल्दी बढे.गी.
भविष्य भी है उम्मीदों भरा
सेल्स और मार्केटिंग (एसएंडएम) में भविष्य भी बहुत उम्मीदों भरा है. भारतीय अर्थव्यवस्था का जैसे-जैसे विकास होगा, वैसे-वैसे सेल्स और मार्केटिंग का सेक्टर भी तेजी से विकसित होता जायेगा. अंतरराष्ट्रीय कंपनियां भारत में अपना ऑपरेशनल ऑफिस स्थापित कर रही हैं और भारतीय कंपनियां अपना विस्तार कर रही हैं. इससे ज्यादा से ज्यादा प्रोफेशनल्स को नौकरी के मौके मिलेंगे, वह भी अच्छे पैकेज में.एचआर रिसर्च फर्म रीगस की ओर से भारत समेत 100 देशों की 26,000 कंपनियों में कराये गये एक सर्वे में निष्कर्ष निकला है कि भारतीय कंपनियों में नौकरियों का माहौल सुधर रहा है. इस साल करीब 94 फीसदी भारतीय कंपनियां अपने यहां नयी नौकरियां देंगी. सर्वे के मुताबिक कंपनियां कर्मचारियों की संख्या बढ.ाने पर गंभीरता से विचार कर रही हैं, लेकिन इन नौकरियों में ज्यादातर सेल्स और मार्केटिंग फील्ड में पैदा होंगी.
देश के ज्यादातर युवाओं में सेल्स और मार्केटिंग शब्दों को लेकर कंफ्यूजन की स्थिति देखने को मिलती है. दूसरी ओर देश की छोटी-बड.ी ज्यादातर कंपनियों में अब सेल्स और मार्केटिंग को एक ही विभाग में तब्दील किया जा रहा है. यानी व्यक्ति विशेष को दोनों क्षेत्रों में काम करना होगा. देश में एक तिहाई के करीब लोग किसी न किसी रूप में मार्केटिंग से संबंधित पदों पर काम कर रहे हैं. विकास के साथ मार्केट रिसर्च का क्षेत्र भी खासा विकसित हुआ है.
कैसा है क्षेत्र
सेल्स और मार्केटिंग के क्षेत्र में नौकरियों की भरमार है. प्लेसमेंट कंपनियों और कंसल्टेंसी फर्म के माध्यम से भी सेल्स और मार्केटिंग की नौकरियां जल्दी मिल जाती हैं.
मार्केटिंग के क्षेत्र को 4 पी से समझें- प्रोडक्ट, प्राइज, प्रमोशन और प्लेसमेंट.
असल में प्रोडक्ट को उपभोक्ताओं तक बेचना ही मार्केटिंग नहीं है. इस प्रोफेशन के कई आयाम हैं. इसमें काम करने के लिए कई क्षेत्र होते हैं.
चुनौतियां : सेल्स और मार्केटिंग के क्षेत्र में काम करनेवालों को रोज नयी चुनौतियों का सामना करना पड.ता है. साथ ही यह परिवर्तनशील क्षेत्र है. सेल्स पर्सन के रूप में आपको या तो कंपनी के अंदर बैठना होगा या फील्ड में सेल्स रिप्रेजेंटेटिव के रूप में काम करना होगा.
कौन हो सकता है कामयाब
एक आम धारणा है कि सेल्स और मार्केटिंग की नौकरी कोई भी कर सकता है, लेकिन यह गलत है. इसके लिए उम्मीदवार में अपनी बात मनवाने की क्षमता, व्यावसायिक जागरूकता, अच्छा व्यक्तित्व और स्वयं प्रेरित होने की क्षमता होनी चाहिए. साथ ही बेहतर कम्युनिकेशन स्किल्स होनी जरूरी है. इनके अलावा दबाव में बेहतर काम करने की क्षमता भी जरूरी है, क्योंकि सेल्स में दिये जानेवाले टारगेट बहुत कठिन होते हैं और उन्हें हासिल करना बहुत जरूरी.
योग्यता और कोर्स
सेल्स और मार्केटिंग के क्षेत्र में प्रवेश के लिए स्नातक पास होना भी जरूरी नहीं है. हालांकि अगर आप स्नातक हैं, तो अच्छे पद के साथ बेहतर पगार की नौकरी मिलती है. कुछ साल के कार्यानुभव के बाद एमबीए करना उचित रहता है, क्योंकि तब तक सेल्स और मार्केटिंग फील्ड की काफी समझ आ चुकी होती है. सेल्स और मार्केटिंग का स्पेशलाइज्ड कोर्स करके भी जरूरी स्किल्स को निखारा जा सकता है. इसके अलावा कुछ शॉर्ट टर्म कोर्स भी मौजूद हैं, जो इस क्षेत्र के लिए उपयोगी साबित होते हैं. जैसे सेल्स मैनेजमेंट, कस्टमर सर्विस मैनेजमेंट आदि.
अच्छा सैलरी पैकेज
अच्छी बात यह है कि मेहनत की जाये, तो इस क्षेत्र में मोटी कमाई हासिल की जा सकती है. सेल्स और मार्केटिंग के क्षेत्र में वेतन आपके कार्यानुभव, योग्यता और किन संस्थाओं के साथ काम किया है, इस पर निर्भर करता है. सेल्स की नौकरी करीब आठ हजार रुपये प्रति माह से शुरू होती है. लेकिन अनुभव के बाद बेहतर संस्थाओं के साथ काम करके अच्छी सैलरी प्राप्त की जा सकती है. साथ ही अगर आप अपनी क्वालिफिकेशंस लगातार बढ.ाती जा रही है, तो सैलरी भी बहुत जल्दी बढे.गी.
भविष्य भी है उम्मीदों भरा
सेल्स और मार्केटिंग (एसएंडएम) में भविष्य भी बहुत उम्मीदों भरा है. भारतीय अर्थव्यवस्था का जैसे-जैसे विकास होगा, वैसे-वैसे सेल्स और मार्केटिंग का सेक्टर भी तेजी से विकसित होता जायेगा. अंतरराष्ट्रीय कंपनियां भारत में अपना ऑपरेशनल ऑफिस स्थापित कर रही हैं और भारतीय कंपनियां अपना विस्तार कर रही हैं. इससे ज्यादा से ज्यादा प्रोफेशनल्स को नौकरी के मौके मिलेंगे, वह भी अच्छे पैकेज में.
-Prabhat Khabar /23/04/2013/avasar